Shrimad bhagwat Gita: श्रीमद्भगदगीता Tattva Vivechani Hindi tika: तत्त्व विवेचनी हिंदी टीका

Shrimad bhagwat Gita: श्रीमद्भगदगीता Tattva Vivechani Hindi tika: तत्त्व विवेचनी हिंदी टीका by Jaydayal Goyandka जयदयाल गोयन्दका - Gorakhpur: गोरखपुर Gita Press , गीता प्रेस 2002.

"A magnificent commentary on Gita the song celestial by Brahmalina Sri Jaydayal Goyandka the founder of Gita Press with a view to propagate the divine preachings of Lord Krishna to each and every person. Gita; the song celestial, has emanated from the lotus-like lips of the Lord himself. As a book of scripture, the Bhagavadgita has assumed a position of universal interest. The commentary consists of 2515 questions and answers thereof. The descriptive explanation of Slokas of Gita full of its deepest mystery has been given in a language so sweet and simple. By studying it carefully even ordinary persons may be able to understand easily the deepest mystery of the Gita. By holding its essence into their heart they can make their lives meaningful....."
प्रत्येक व्यक्ति तक भगवान कृष्ण के दिव्य उपदेशों का प्रचार करने के उद्देश्य से गीता प्रेस के संस्थापक ब्रह्मलीन श्री जयदयाल गोयन्दका द्वारा दिव्य गीत गीता पर एक शानदार टिप्पणी। गीता; दिव्य गीत, स्वयं भगवान के कमल जैसे होठों से निकला है। एक धर्मग्रंथ के रूप में, भगवद्गीता ने सार्वभौमिक रुचि का स्थान ग्रहण कर लिया है। कमेंट्री में 2515 प्रश्न और उनके उत्तर शामिल हैं। गीता के श्लोकों की गूढ़तम रहस्य से परिपूर्ण वर्णनात्मक व्याख्या अत्यंत मधुर एवं सरल भाषा में की गई है। इसका ध्यानपूर्वक अध्ययन करने से सामान्य व्यक्ति भी गीता के गूढ़ रहस्य को आसानी से समझ सकेगा। इसके सार को हृदय में धारण कर वे अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं

Hbk.


Religion धर्म

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